अर्ली डिटेक्शन का महत्व है क्योंकि जब एब्नॉर्मल टिश्यूज और कैंसर के बारे में जल्दी पता चल जाता है तो इनका इलाज आसान हो जाता है। जब लक्षण दिखाई देते हैं तो इसका मतलब यह है कि कैंसर फैलना शुरू हो जाता है और इसका इलाज मुश्किल हो जाता है।” ये कहते हैं नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट का। (Testicular Self Exam)
मुंबई के मैक्स सुपर स्पेशियाल्टी हॉस्पिटल के यूरोलॉजी डिपार्टमेंट के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर यशदीप रस्तगी का कहना है, ‘वृषण कैंसर को रोका नहीं जा सकता, लेकिन सेल्फ एजेक्शनिन के जरिए टेस्टिकल्स पर आने वाली सूजन या लंप के बारे में बताकर अर्ली स्टेज पर इसके बारे में में पता कर इलाज शुरू किया जा सकता है। यह कैंसर अक्सर उम्र में होता है। जेनेटिक कंडीशन (आनुवांशिक स्थितियां) जैसे कि क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम (क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम) और फैमिली हिस्ट्री इसके रिस्क को बढ़ाती है। वृषण कैंसर का पता लगाने के लिए तीन अंगुलियों और अंगूठे की मदद से सेल्फ एजेजमेंट किया जाता है। जिसमें पूरे टेस्टिस की जांच की जाती है।’ (Why is testicular self exam important?)
वृषण आत्म परीक्षण (Testicular Self Examination) इसलिए जरूरी है
टेस्टिस (वृषण) का सेल्फ इमैजिनेशन टेस्टीक्युलर कैंसर (Testicular Cancer) के अर्ली डायटेक्शन के लिए जरूरी है। टेस्टिक कैंसर युवाओं को होने वाला सबसे आम कैंसर है। कई पुरुष इससे अलग होते हैं। अर्ली डिटेक्शन के लिए टेस्टिकल्स को मंथली एजाजमिन करना (Testicular Self Examination) सबसे आसान उपाय है। इससे कैंसर के बारे में जल्दी पता चल सकता है ताकि सर्जरी के द्वारा इसका इलाज कराया जा सके। चूंकि टेस्टिक कैंसर अक्सर सिंगल टेस्टिकल्स (सिंगल टेस्टिकल) में होता है। एक अंडकोष को दूसरे से कंपेयर करना संभव है। हालांकि एक अंडकोष का दूसरा से बड़ा होना सामान्य है। टेस्टीक मेलियन सेल्फ एज्ज़मिनेशन करते समय ध्यान इस बात पर रहना चाहिए कि पिछली बार की तुलना में इस बार कुछ बदलाव नजर आ रहे हैं क्या? प्युबर्टी (Puberty) तक पहुंचने के बाद पुरुषों को वृषण ग्रन्थ स्वयं का संग्रह करना चाहिए। एक ही साल में एक बार डॉक्टर के द्वारा यह करवाना सही होगा। टेस्टिक क्लैरिटी सेल्फ इलेक्शन कैंसर के साथ ही दूसरी टेस्टिक ग्रॉसरी में भी सच साबित हो सकता है। टेस्टिक लैमिनेशन इमेज के सामने दिख रहा है या नाहाते हुए वक्त हो सकता है। (Testicular Self Exam)
बता दें कि अप्रैल को टेस्टिक कैंसर अवेयरनेस मंथ (वृषण कैंसर जागरूकता माह) के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर हम ये महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध करा रहे हैं।
टेस्टिक मेमरी सेल्फ डॉक्यूमेंटेशन कैसे किया जाना चाहिए? (How to do testicular self exam)
वृषण स्व-परीक्षा शुरू करने से पहले, शरीर रचना विज्ञान को समझना महत्वपूर्ण है। आप एक असामान्य द्रव्यमान के लिए एपिडीडिमिस की गलती कर सकते हैं। एपिडीडिमिस वास्तव में कुंडलित नलियों का एक सेट है जो अंडकोष के पीछे और ऊपर की रेखा बनाता है। यह प्रजनन प्रणाली का वह हिस्सा है जहां शुक्राणु परिपक्व होते हैं या तैरना सीखते हैं। यह क्षेत्र नरम और ऊबड़-खाबड़ लगता है। (Testicular Self Exam)
टेस्टिकुलर सेल्फ एग्जामिनेशन निम्नलिखित चरणों में किया जा सकता है।
- गर्म पानी से नहाते समय यह परीक्षण करना बेहतर होता है क्योंकि गर्म पानी अंडकोश और अंडकोष की मांसपेशियों को आराम देने में मदद करता है।
- एक तरफ से शुरू करते हुए धीरे-धीरे अंडकोष को अपने हाथों में लें और अंडकोष की सतह को अपनी उंगलियों से स्पर्श करें। चेक करें कि कहीं किसी तरह की गांठ, गांठ या असामान्य बदलाव तो नहीं दिख रहा है या किसी तरह का दर्द तो नहीं है। हालांकि, कैंसर का कारण बनने वाले ट्यूमर दर्दनाक नहीं होते हैं। (Testicular Self Exam)
- अगर किसी तरह का बदलाव नजर आता है तो उसे नोट कर लें। हालांकि, वृषण कैंसर का एक सामान्य लक्षण एक दर्द रहित द्रव्यमान है। कुछ पुरुषों को टेस्टिकल्स और स्क्रोटम में भी सूजन का अनुभव होता है।
- अगर आपको किसी तरह का दर्द और भारीपन महसूस हो रहा है तो उस पर भी ध्यान दें।
टेस्टिक मायोग्राफी सेल्फ एग्जामिनेशन (वृषण स्वयं परीक्षा) के दौरान अगर कुछ असामान्य दिखता है तो क्या करना चाहिए?
यदि आपको अंडकोष में कोई असामान्य परिवर्तन दिखाई देता है, तो जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें। कैंसर फैल गया है या नहीं यह निर्धारित करने के लिए पुरुषों को डॉक्टर के साथ नियुक्ति करने में औसतन 6 महीने तक का समय लगता है। अक्सर पुरुष इस बारे में बात करने और डॉक्टर से चेकअप कराने में झिझक महसूस करते हैं, लेकिन इसमें शर्माने या झिझकने वाली कोई बात नहीं है। चेकअप और डॉक्टर से बात करने से आपकी जान बच सकती है। डॉक्टर त्वरित जांच करने के बाद लक्षणों के बारे में पूछेंगे। वह आपको अल्ट्रासाउंड कराने के लिए भी कह सकता है। जो एक दर्द रहित, विकिरण मुक्त निदान प्रक्रिया है।
क्या यह टेस्टिक्युलर कैंसर (Testicular Cancer) हो सकता है?
यदि आप एक गांठ महसूस करते हैं, तो आपका डॉक्टर अन्य लक्षणों को देखने के लिए अल्ट्रासाउंड का आदेश दे सकता है। कैंसर का संकेत होने पर वे रक्त परीक्षण के लिए भी कह सकते हैं। अगर डॉक्टर को लगता है कि यह कैंसर है, तो वे कैंसर से बचने के लिए सर्जरी से अंडकोष को हटा सकते हैं। एक अंडकोष को हटाने से यौन जीवन प्रभावित नहीं होता है, लेकिन यह प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकता है। अगर आप बच्चे चाहते हैं तो आपको डॉक्टर से बात करनी होगी। वे आपको शुक्राणु को संरक्षित करने का विकल्प भी दे सकते हैं। वृषण कैंसर को रोका नहीं जा सकता है, लेकिन पारिवारिक इतिहास होने और अंडकोष के नीचे न जाने से इस कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। (Testicular Self Exam)
टेस्टिक्युलर कैंसर के अन्य लक्षण (Other symptoms of testicular cancer)
एक गांठ वृषण कैंसर का सबसे आम लक्षण है, लेकिन अन्य लक्षण भी दिखाई दे सकते हैं।
- दृढ़ अंडकोष
- अंडकोश में सूजन या तरल पदार्थ का निर्माण
- स्तन में दर्द और वृद्धि
- अंडकोष में दर्द या सूजन
- पीठ में दर्द होना
- प्रारंभिक यौवन
- नाभि के नीचे दर्द महसूस होना
गांठ और इस प्रकार के लक्षणों का हमेशा यह अर्थ नहीं होता कि आपको वृषण कैंसर है।
वृषण गांठ होने के अन्य कारण क्या हो सकते हैं?
आपको बता दें कि सभी टेस्टिकुलर मास कैंसर नहीं होते हैं। हालांकि, स्क्रोटम या टेस्टिकल्स में कोई असामान्यता डॉक्टर की यात्रा को वारंट करती है। जबकि कैंसर नहीं, निम्नलिखित वृषण स्थितियां असुविधा पैदा कर सकती हैं और साथ ही प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकती हैं। (Testicular Self Exam)
- इंफेक्शन
- इंजरी
- हायड्रोसील (Hydrocele) टेस्टिस के आसपास फ्लूइड इकठ्ठा हो जाना
- वेरीकोसील (Varicocele) मास या नसों का स्क्रॉटम पर इक्ठ्ठा होना
- सिस्ट (जो टेस्टिकल्स, एपिडीडिमिस या टेस्टिकल्स के आसपास कहीं भी बन सकती है)
टेस्टिकुलर सेल्फ एग्जाम कितनी बार करवाना चाहिए?
महीने में एक बार वृषण स्व-परीक्षा की सिफारिश की जाती है। हर महीने चेक करने पर आप उसमें किसी भी तरह के बदलाव को आसानी से नोटिस कर सकते हैं।
टेस्टिकुलर सेल्फ एग्जामिनेशन की सबसे ज्यादा जरूरत किसे होती है?
सभी पुरुषों को आत्म परीक्षण करना चाहिए। इसके लिए किसी विशेष उम्र या स्वास्थ्य स्थिति की सिफारिश नहीं की जाती है। डॉक्टर नियमित रूप से यह जांच कराने को कहते हैं। हालांकि वृषण कैंसर का किसी भी स्तर पर इलाज किया जा सकता है, लेकिन जितनी जल्दी इसका पता चल जाए, उतना अच्छा है। (Testicular Self Exam)
क्या वृषण स्व-परीक्षा का कोई जोखिम हो सकता है? (वृषण स्व-परीक्षा का जोखिम)
वृषण स्व-परीक्षा का कोई प्रत्यक्ष जोखिम नहीं है। इससे किसी प्रकार की चोट नहीं लगती है। हालाँकि, यदि आपको कुछ असामान्य दिखाई देता है, तो आप चिंतित हो सकते हैं। इसके साथ ही आपको कुछ मेडिकल टेस्ट, अल्ट्रासाउंड, ब्लड टेस्ट आदि से गुजरना होगा। हो सकता है कि बायोप्सी का भी सहारा लेना पड़े। ऐसे में आप तनाव का सामना कर सकते हैं, लेकिन कुछ समय का तनाव आपके लिए कैंसर से बेहतर रहेगा। इसलिए आत्मनिरीक्षण करते रहें। (Testicular Self Exam)
आशा है कि आपको यह लेख पसंद आया होगा और आपको वृषण स्व-परीक्षा से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी प्राप्त हुई होगी। अधिक जानकारी के लिए किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें। यदि आपके कोई अन्य प्रश्न हैं, तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों का जवाब कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप इस लेख को शेयर जरूर करें।