सेक्स इंसानी जीवन में अनिवार्य है। सेक्सुअल इंटरकोर्स से ही संतान का जन्म होता है। सेक्स के दौरान वीर्य में मौजूद शुक्राणु की काफी अहमियत होती है, क्योंकि इनसे ही फीमेल एग्स के साथ मिलकर नया जीव (बच्चा) तैयार होता है। (Increase Sperm Count)
पुरुष बांझपन (Male infertility) यानी पुरुषों के वीर्य में शुक्राणुओं की कमी, नॉर्मल समस्या है, जो उसकी महिला साथी के गर्भवती होने की संभावना को कम करता है। कम शुक्राणुओं की संख्या का मतलब है कि संभोग के दौरान आप जिस द्रव (वीर्य) का स्खलन करते हैं, उसमें सामान्य से कम शुक्राणु होते हैं।
पुरुषों में स्पर्म काउंट (Sperm count) यानी शुक्राणुओं की संख्या में काफी कमी देखी जा रही है। कम शुक्राणुओं की संख्या को ओलिगोस्पर्मिया (Ol-ih-go-SPUR-me-uh) भी कहा जाता है।
शुक्राणु की पूर्ण अनुपस्थिति को एजोस्पर्मिया (Azoospermia) कहा जाता है। यदि आपके वीर्य में प्रति मिलीलीटर 15 मिलियन से कम शुक्राणु हैं तो आपके शुक्राणुओं की संख्या सामान्य से कम मानी जाती है।
100 में से लगभग 13 जोड़े असुरक्षित यौन संबंध से गर्भवती नहीं हो सकते, इसका कारण है पुरुषों में स्पर्म काउंट का कम होना। बांझपन के एक तिहाई से अधिक मामलों में, समस्या पुरुषों के साथ होती है। (Increase Sperm Count)
कम शुक्राणुओं की संख्या अक्सर हेल्थ और लाइफ स्टाइल फैक्टर्स (Health and lifestyle factors) के कारण होती है, जिन्हें आप नियंत्रित कर सकते हैं। युवा पुरुष जो अपनी हेल्थ का बेहतर ख्याल रखते हैं, वे अक्सर स्पर्म काउंट में वृद्धि कर सकते हैं।
पुरुषों में स्पर्म काउंट कम होने का कारण (Reasons for low sperm count in men)
कुछ समय पहले ह्यूमन रिप्रोडक्शन अपडेट मैग्जीन (Human reproduction update magazine) में पब्लिश एक रिसर्च में कहा गया कि 4 दशकों के आंकड़ों में शुक्राणुओं की संख्या में आधे से अधिक की गिरावट आई है। लोग रासायनिक प्रदूषण से लेकर समाज द्वारा पुरुषों को नारीकरण तक हर चीज के लिए जिम्मेदार ठहराते रहे हैं।
इसलिए आज हम उन कारणों के बारे में बताएंगे जिनसे पुरुषों के वीर्य में शुक्राणुओं की कमी यानी स्पर्म काउंट कम हो जाता है।
1. मोटापा (Obesity)
अमेरिका में 4 में से लगभग 3 पुरुष अधिक वजन वाले या मोटे हैं। कुल जनसंख्या की बात की जाए तो वहां कुल 35 प्रतिशत मोटे लोग हैं। कम शुक्राणुओं की संख्या शरीर में फैट जमने और बीएमआई अधिक (बॉडी मास इंडेक्स) होने से भी होती है।
मोटापा टेस्टोस्टेरोन के स्तर (Testosterone levels) को कम करता है और आप तो जानते ही हैं कि टेस्टोस्टेरोन ही शुक्राणु उत्पादन को बढ़ाता है। इसलिए जिन लोगों का वजन अधिक है उन लोगों को वजन कम करना चाहिए, जिससे स्पर्म काउंट बढ़ेगा और उनकी प्रजनन क्षमता को बढ़ाने में मदद मिलेगी। (Increase Sperm Count)
2. बॉक्सर पहनना (Boxers)
वर्षों के विवाद और परस्पर विरोधी अध्ययनों के बाद, एक नई स्टडी में पाया नए अध्ययन में पाया गया कि जो पुरुष बॉक्सर शॉर्ट्स पहनते हैं, उनमें टाइट ब्रीफ पहनने वालों की तुलना में शुक्राणुओं की संख्या अधिक होती है।
बॉक्सर पहनने वालों में FSH, कूप उत्तेजक हार्मोन का स्तर भी कम होता है, जो शुक्राणु के लिए एक स्वस्थ वातावरण का संकेत देता है। अगर आप भी बॉक्सर शॉर्ट्स पहनते हैं, तो सावधान हो जाएं। (Increase Sperm Count)
3. धूम्रपान (Smoking)
धूम्रपान करने या सिगरेट पीने से पुरुषों में प्रजनन क्षमता कम होने का पता चला है। धूम्रपान शुक्राणु की मात्रा, शुक्राणुओं की संख्या, शुक्राणु की गतिशीलता और शुक्राणुओं के तैरने की क्षमता को प्रभावित करता है।
धूम्रपान से सीमेन की क्वालिटी पर भी असर पड़ता है एवं शुक्राणु इन-एक्टिव होने लगते हैं। इसलिए पुरुषों को धूम्रपान से दूर रहना चाहिए।
4. शराब (Alcohol)
शराब के उपयोग को बांझपन से जोड़ा गया है। कहा गया है कि इससे पुरुषों में स्पर्म काउंट कम हो जाता है और उनमें नपुंसकता हो सकती है। साथ ही साथ शराब के सेवन से शुक्राणु की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है।
डेनमार्क में युवाओं पर हुई स्टडी के मुताबिक, अधिक शराब पीने वाले लोगों में शुक्राणुओं की संख्या 33 प्रतिशत कम हो गई थी। इसलिए पुरुषों को शराब से दूर रहना चाहिए। (1)
5. नशीली दवाओं का प्रयोग (Drug Use)
वाइस में फर्टिलिटी डॉक्टरों ने इंटरव्यू में बताया था कि यदि आप बच्चा पैदा करना चाहते हैं, तो नशीली दवाओं के प्रयोग से पूरी तरह दूर रहना चाहिए। ऑक्सिकॉप्ट और फेंटेनाइल जैसे अफीम का उपयोग हार्मोन के स्तर को प्रभावित करता है और DNA की समस्याएं पैदा कर सकता है।
अगर कोई इनका नशा करता था और उनका सेवन बंद कर देता है, तो उसका स्पर्म काउंट ठीक हो सकता है। (Increase Sperm Count)
6. हॉट टब और सौना बाथ (Hot Tubs and Sauna bath)
शुक्राणु के निर्माण के लिए एक आदमी के अंडकोष को उसके शरीर के बाकी हिस्सों की तुलना में ठंडा रहने की आवश्यकता होती है। इसलिए वे उसके शरीर के अंदर होने के बजाय अंडकोश में बाहर लटकते हैं।
ऐसे में जब कोई व्यक्ति गर्म टब, जकूजी या सौना बाथ में गर्म वातावरण में नहाता है तो उसके शुक्राणुओं की संख्या कम हो जाती है। यदि वह कुछ हफ्तों के लिए हॉट टब से बाहर रहेगा, तो वह आमतौर पर वापस से स्पर्म काउंट बढ़ा सकता है।
7. मधुमेह / डायबिटीज (Diabetes)
अधिक वजन या मोटापे के कारण होने वाली टाइप 2 डायबिटीज कम टेस्टोस्टेरोन के स्तर और बांझपन से भी जुड़ा होता है। वजन कम करने और डायबिटीज को नियंत्रित करने से टेस्टोस्टेरोन के स्तर में सुधार हो सकता है और स्पर्म काउंट भी बढ़ जाता है।
निष्कर्ष (Conclucion): इन कॉमन कारणों से पुरुषों का स्पर्म काउंट कम हो जाता है। अगर आप भी ऊपर बताए हुए किसी कारण से संंबंध रखते हैं, तो उसे तुरंत दूर करें। अधिक जानकारी के लिए किसी डॉक्टर से भी संपर्क करें। (Increase Sperm Count)
अगर अभी भी कोई कन्फ्यूजन है तो हमसे कॉमेंट करके पूछ सकते हैं और हेल्थ संबंधित ऐसी ही अन्य जानकारी के लिए Sexnivarak.com Hindi के हेल्थ सेक्शन को पढ़ सकते हैं।