गर्भावस्था में पैरों में सूजनहालांकि गर्भावस्था का समय ऐसा होता है कि महिलाओं को कुछ न कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ता है। आइए आज के लेख के जरिए हम आपको गर्भावस्था में पैरों में सूजन की समस्या के बारे में बताते हैं।

मां बनने की ख्वाहिश हर महिला की होती है क्योंकि बच्चों का आकर्षण ऐसा ही होता है। गर्भावस्था के दौरान कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है, लेकिन बच्चे के प्यार के लिए महिला सब कुछ सहन कर लेती है। गर्भावस्था में पैरों में सूजन की समस्या हो जाती है। इस वजह से पैर हिलाने में दिक्कत होती है।

इसके अलावा अगर महिला को चक्कर आना, जी मिचलाना और उल्टी जैसी समस्याएं हो रही हैं तो इसे हल्के में न लें बल्कि डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। अगर सही समय पर इलाज नहीं कराया गया तो मां और बच्चे दोनों को परेशानी हो सकती है। हालांकि गर्भावस्था का समय ऐसा होता है कि महिलाओं को कुछ न कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ता है। आइए आज के लेख के जरिए हम आपको गर्भावस्था में पैरों में सूजन की समस्या के बारे में बताते हैं।

गर्भावस्था में पैरों में सूजन क्यों हो जाते हैं?

अक्सर महिलाओं को गर्भावस्था में पैरों में सूजन की समस्या देखी जाती है। पैरों में सूजन तब होती है जब तरल पदार्थ या तरल पदार्थ ऊतकों में जमा हो जाते हैं। हालांकि गर्भावस्था में पैरों में सूजन की समस्या के कुछ और भी कारण हो सकते हैं।

  • लीवर में किसी तरह की गड़बड़ी हो जाती है।

  • हाई बीपी की समस्या।

  • आयरन की कमी।

  • गुर्दे की बीमारी होना

  • हार्मोन में परिवर्तन।

  • भोजन में अधिक नमक का प्रयोग करना।

गर्भावस्था में पैरों में सूजन के लक्षण?

गर्भावस्था में पैरों में सूजन के कारण आप कई तरह के लक्षणों का अनुभव कर सकती हैं।

  • पैरों में दर्द महसूस होना।

  • पैरों में भारीपन।

  • सूजी हुई जगह पर गर्माहट महसूस होना।

  • पैरों के उपयोग में कमी।

  • पैर हिलाने में कठिनाई।

  • पैर दबाने पर खिचाव।

गर्भावस्था में पैरों में सूजन का इलाज?

गर्भावस्था के दौरान पैरों में सूजन का इलाज निम्नलिखित तरीकों से किया जा सकता है।

  • गर्भावस्था में पैरों में सूजन होने पर डॉक्टर सूजन वाली जगह पर मालिश करने की सलाह देते हैं। मालिश करने से सूजन दूर हो जाती है।

  • डॉक्टर बैंडेज का उपयोग करके सूजे हुए पैरों का इलाज करते हैं। इसके लिए गर्भवती महिला के सूजे हुए पैर पर पट्टी बांध दी जाती है, जिससे उसे दर्द और सूजन से राहत मिल सके।

  • रिफ्लेक्सोलॉजी, एक प्रकार की मालिश, का उपयोग गर्भवती महिला के पैरों की सूजन को कम करने के लिए किया जा सकता है। इस प्रक्रिया में पैरों पर दबाव डालने से सूजन कम हो जाती है, जो काफी कारगर हो सकती है।

  • पैरों में ज्यादा सूजन होने पर डॉक्टर महिला को बिस्तर पर लेटने और पैरों को ऊंचा रखने की सलाह देते हैं। इसके लिए पैरों के नीचे दो तकिए रखे जाते हैं, जिससे सूजन से राहत मिल सके।

  • पैरों पर दबाव बनाए रखने के लिए इलास्टिक वाले मोज़े पहनने की सलाह दी जा सकती है ताकि पैरों की सूजन की समस्या को कम किया जा सके।

डॉक्टर कुछ घरेलू उपाय बता सकते हैं।

  • खीरा प्राकृतिक रूप से ठंडा होता है जो जलन को कम करने में मदद करता है। इसलिए पैरों की सूजन को कम करने के लिए खीरे का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके लिए खीरे की पतली स्लाइस काटकर सूजन वाली जगह पर बांध दें। इस प्रक्रिया से सूजन और जलन से राहत मिलती है।

  • ले में कई पौष्टिक तत्व होते हैं। इससे पैरों में सूजन और जलन से राहत मिलती है। इसका इस्तेमाल करने के लिए केले के छिलके की अंदरूनी परत को निकालकर पेस्ट बना लें और इसे प्रभावित जगह पर लगाएं।

गर्भावस्था के दौरान पैरों में सूजन को कैसे रोकें?

गर्भावस्था के दौरान महिलाएं कुछ बातों का ध्यान रखकर पैरों में सूजन को रोक सकती हैं। आगे बताते हैं।

  • गर्भवती महिलाओं को एक जगह पर ज्यादा देर तक नहीं बैठना चाहिए बल्कि थोड़ा हिलना-डुलना चाहिए।

  • टाइट कपड़ों की जगह ढीले कपड़े पहनने चाहिए।

  • खाने में जितना हो सके कम नमक का प्रयोग करें।

  • पैरों में दर्द हो तो हल्के हाथों से मालिश करनी चाहिए। इसके अलावा आप अपने पैरों को तकिए पर रखकर आराम कर सकते हैं।

  • अगर पैरों में सूजन का दर्द ज्यादा हो रहा है तो आपको अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए, ताकि वह आपको सही सलाह दे सकें। इसके अलावा आप अपनी स्थिति के अनुसार कुछ व्यायाम करने की सलाह भी दे सकते हैं ताकि पैरों में दर्द और सूजन को कम किया जा सके।

यदि फिर भी कोई भ्रम हो तो आप हमें कमेंट करके पूछ सकते हैं और ऐसी ही अन्य स्वास्थ्य संबंधी जानकारी के लिए sexnivarak का स्वास्थ्य ब्लॉग पढ़ सकते हैं।

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