इस ब्लॉग में हम चर्चा करेंगे आखिर नपुंसकता क्या है और इसका इलाज क्या है। इरेक्टाइल डिस्फंक्शन, जिसे आम बोलचाल की भाषा में नपुंसकता भी कहा जाता है, एक ऐसा शब्द है जिसका उपयोग उन पुरुषों के लिए किया जाता है जिन्हें या तो सेक्स के दौरान इरेक्शन नहीं होता है।
नपुंसकता क्या है (इरेक्टाइल डिसफंक्शन)?
जब एक पुरुष यौन उत्तेजित हो जाता है, तो उसे एक इरेक्शन महसूस होता है और उसका दिमाग उसके प्राइवेट पार्ट की नसों को रक्त प्रवाह बढ़ाने के लिए संकेत भेजता है। इसे इरेक्शन कहते हैं।
लेकिन जब यौन उत्तेजित होने के बाद भी पेनिट्रेशन के लिए इरेक्शन न हो और दोनों पार्टनर सेक्स से संतुष्ट न हों तो इस समस्या को इरेक्टाइल डिस्फंक्शन (नपुंसकता) कहते हैं।
इरेक्टाइल डिसफंक्शन दो तरह के होते हैं-
शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म। वैसे तो इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या किसी भी उम्र के पुरुषों को हो सकती है, लेकिन आमतौर पर यह समस्या 40 साल से ऊपर के पुरुषों में ज्यादा देखी जाती है।
अल्पकालीन नपुंसकता के कारण
इरेक्टाइल डिसफंक्शन या ईडी या नपुंसकता एक आम समस्या है जिसके पीछे जीवनशैली से जुड़े कई कारण जुड़े होते हैं। जैसे- काम का बहुत अधिक तनाव, थकान, बेचैनी, किसी बात की चिंता, शराब का अधिक सेवन,
प्रदर्शन का दबाव आदि।
ऐसे मामलों में नपुंसकता अस्थायी होती है और जैसे ही आप अपनी जीवनशैली में सुधार करते हैं, यह समस्या भी ठीक हो जाती है। अल्पकालिक नपुंसकता के लिए डॉक्टर से उपचार की आवश्यकता
नहीं होती है।
इरेक्टाइल डिसफंक्शन एक ऐसी समस्या है जिसमें संभोग के दौरान पुरुष का प्राइवेट पार्ट पर्याप्त रूप से उत्तेजित नहीं हो पाता है। ऐसा कई कारणों से हो सकता है! शायद ही कभी, यह समस्या किसी दवा के साइड
इफेक्ट या कई बीमारियों जैसे वैस्कुलर, न्यूरोलॉजिकल रोग, मधुमेह या प्रोस्टेट उपचार या सर्जरी के कारण हो सकती है।
लगभग 75% पुरुषों में यह जटिल कारणों से होता है। एक अध्ययन के अनुसार 40 से 70 वर्ष के
आयु वर्ग के लगभग 60% पुरुषों में यह समस्या कुछ हद तक पाई जाती है।
लंबे समय तक नपुंसकता का कारण
हालांकि अगर इरेक्शन न होने की समस्या लंबे समय तक बनी रहे तो इसके पीछे किसी तरह की शारीरिक समस्या जिम्मेदार हो सकती है। कई बार हाई बीपी, डायबिटीज और कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के कारण प्राइवेट पार्ट
में ब्लड का फ्लो प्रभावित हो जाता है,
जिससे इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या हो सकती है. इसके अलावा अगर शरीर में टेस्टोस्टेरॉन हार्मोन का स्तर बहुत कम हो जाए और स्ट्रेस हार्मोन कोर्टिसोल का स्तर बढ़ जाए तो
भी नपुंसकता की समस्या लंबे समय तक बनी रहती है।
नपुंसकता का इलाज
इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या का इलाज कैसे किया जाता है यह इस बात पर निर्भर करता है कि इसके होने का कारण क्या है। अगर आपकी समस्या तनाव, लाइफस्टाइल या इमोशन से जुड़ी है
तो आपको इसके क्षेत्र के सेक्स एक्सपर्ट से मिलकर सेक्स थेरेपी या बिहेवियरल थेरेपी लेने की जरूरत पड़ सकती है।
कई डॉक्टर इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के इलाज के लिए वियाग्रा जैसी दवाइयां लेने की भी सलाह देते हैं।
इन दवाओं के सेवन से प्राइवेट पार्ट में खून का बहाव बढ़ जाता है और इरेक्शन की समस्या खत्म हो जाती है।